5 Easy Facts About Shodashi Described

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Group feasts Enjoy an important job in these functions, wherever devotees arrive together to share foods That usually include things like classic dishes. This sort of meals rejoice both the spiritual and cultural components of the festival, boosting communal harmony.

श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥९॥

सौवर्णे शैलश‍ृङ्गे सुरगणरचिते तत्त्वसोपानयुक्ते ।

Darshans and Jagratas are pivotal in fostering a way of community and spiritual solidarity amongst devotees. In the course of these gatherings, the collective energy and devotion are palpable, as participants interact in many varieties of worship and celebration.

During the spiritual journey of Hinduism, Goddess Shodashi is revered as a pivotal deity in guiding devotees in direction of Moksha, the last get more info word liberation through the cycle of start and Dying.

तां वन्दे नादरूपां प्रणवपदमयीं प्राणिनां प्राणदात्रीम् ॥१०॥

वन्दे सर्वेश्वरीं देवीं महाश्रीसिद्धमातृकाम् ॥४॥

सा नित्यं नादरूपा त्रिभुवनजननी मोदमाविष्करोतु ॥२॥

या देवी दृष्टिपातैः पुनरपि मदनं जीवयामास सद्यः

सावित्री तत्पदार्था शशियुतमकुटा पञ्चशीर्षा त्रिनेत्रा

॥ अथ श्रीत्रिपुरसुन्दरी अपराध क्षमापण स्तोत्रं ॥

केयं कस्मात्क्व केनेति सरूपारूपभावनाम् ॥९॥

वन्दे वाग्देवतां ध्यात्वा देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥१॥

यह साधना करने वाला व्यक्ति स्वयं कामदेव के समान हो जाता है और वह साधारण व्यक्ति न रहकर लक्ष्मीवान्, पुत्रवान व स्त्रीप्रिय होता है। उसे वशीकरण की विशेष शक्ति प्राप्त होती है, उसके अंदर एक विशेष आत्मशक्ति का विकास होता है और उसके जीवन के पाप शान्त होते है। जिस प्रकार अग्नि में कपूर तत्काल भस्म हो जाता है, उसी प्रकार महात्रिपुर सुन्दरी की साधना करने से व्यक्ति के पापों का क्षय हो जाता है, वाणी की सिद्धि प्राप्त होती है और उसे समस्त शक्तियों के स्वामी की स्थिति प्राप्त होती है और व्यक्ति इस जीवन में ही मनुष्यत्व से देवत्व की ओर परिवर्तित होने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर लेता है।

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